थोथा चना, बाजे घना…..

जी बिल्कुल सही कहते हैं आप, सरकार बेकार, समाज बेकार, लोकतन्त्र में समस्या, शासन प्रणाली सही नहीं, बस सारी जिंदगी दोष देते रहते हैं हम। कभी सोचा ये बने किससे, कौन है इनका आधार, कौन है जिम्मेदार। नहीं कभी नहीं, चलिए ये बताइए कि आपने क्या किया, सिवाय गाल बजाने के, कभी किसी सामाजिक कार्य … Continue reading थोथा चना, बाजे घना…..